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एक तरफ जहां धरती पर ‘व्यापम’ के कहर से ‘कोहराम’ बिसरा हुआ है तो दूसरी और धरती से मिलो दूर आसमान मे ‘व्यापम’ को लेकर हाहाकार शुरू हो गया है। आसमानी सूत्रो की माने तो यमलोक कार्यालय मे कार्यरत अनेकों यमदूतों ने ‘ओवरटाइम’ की समस्या को लेकर अपने ‘बॉस’ यमराज को हड़ताल की धमकी देते हुए चेताया है कि अगर इस समस्या को समय रहते नहीं दूर नहीं किया गया तो यमलोक मे ‘काम’ बंद हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि यमलोक इन्सानो के कर्मो के लेखा-जोखा के अलावा उनकी मौतों का हिसाब भी रखता है। इस संगठन के मुखिया यमराज के अलावा चित्रगुप्तजी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यमदूतों ने निश्चित कार्य-समय के अलावा मेहनताना (मानदेय) मे वृद्धि की मांग रखी है। उनके प्रवक्ता ‘मृत्यु-प्रसाद’ ने हवाई संवाददाताओ को बताया अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो ‘यमलोक’ की सेवाए अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दी जाएगी। धरती से इन्सानो की आत्माओ के लेन-देन की सेवा बाधित होगी।
श्री प्रसाद ने बताया कि यमदूतों की शिकायत है कि उन्हे दिये गए कार्यो की अवधि मे बार-बार परिवर्तन किया जाता है, अचानक से उन्हे किसी भी कार्य के लिए ज़िम्मेदारी दे दी जाती है। जैसे उन्हे कोई ‘मनुष्यीय-जीव’ का ‘कंसाइनमेंट’ कुछ समयावधि के बाद लाना है पर आला अधिकारियों द्वारा आनन-फानन मे उसे तुरंत उठाने के लिए बोल दिया जाता है। ऐसी अव्यवस्थता और अराजकता के ‘राज’ मे यमदूतो के लिए काम करना कठिन हो गया है।
गौरतलब है कि कुछ दिन से धरती पर ‘व्यापम’ से लोगो की असामयिक और अप्रत्याशित मौते हो रही है जिससे यमलोक के कार्यभार; विशेषतया यमदूतो के कामो का कारभार ज्यादा बढ़ा है।
ब्रह्मलोक के सूत्रो की माने तो इस पूरे घटनाकर्म से बिग-बॉस ब्रहमाजी बेहद चिंतित हैं और उन्होने यमराज और चित्रगुप्तजी को इस बाबत तलब भी किया था। माना जा रहा है कि ब्रहमाजी ने इस मसले पर अपने ‘बीजी शैड्यूल’ मे भी यमराज और चित्रगुप्तजी के साथ अत्यंत गोपनीय मीटिंग की है जिसमे वर्तमान हालात पर एक गहन चर्चा हुई है।
मीटिंग मे ब्रहमाजी जी ने पूछा ‘यम, यह ‘व्यापम’ क्या है, धरती पर फैली कोई महामारी है, कलयुग का संबंधी है, या फिर कोई ‘राक्षस है, जो मानव-जाती का एकदम से दुश्मन बन गया है।
ब्रहमाजी के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए यमराज ने बताया कि ‘प्रभु, न जाने धरती पर कैसे हालात बन रहे हैं, वहाँ अब यमराज की नहीं ‘शिव’राज की चलती है प्रभु! ऐसे ही चलता रहा तो सृष्टि मे ‘असंतुलन’ आ जाएगा। यमराज की बात को आगे बढ़ाते हुए चित्रगुप्तजी कहते हैं “प्रभु….मेरे द्वारा तैयार किए गए कर्मो के लेखे-जोखे से धरती पर कुछ नहीं हो रहा’…… न जाने कैसी अज़ब-गजब स्थिति है प्रभु” अब आप ही कुछ करिए।
ऐसा समझा गया है कि ब्रहमाजी ने व्यापम मामले को गंभीरता से लेते हुए एक ‘जांच-कमिटी’ का गठन किया है, जो जल्द ही धरती-का-दौरा कर ब्रह्माजी को वहाँ के हालातो पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।
(सच्चाई और व्यंग्य के मिश्रण वाला मेरा यह लेख ‘यथार्थ’ के बेहद करीब है)
लेखक/व्यंग्यकार: रोहित श्रीवास्तव
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