Menu
blogid : 19943 postid : 843894

‘किरण बेदी’ ने ही पकड़ी थी प्रधानमंत्री की कार? पढ़िये सच

रोहित श्रीवास्तव
रोहित श्रीवास्तव
  • 37 Posts
  • 95 Comments

ठीक है, किरण बेदी ने गलत किया जो कभी एसीपी निर्मल सिंह का नाम नहीं लिया, थोड़ा सा भी क्ष्रेय नहीं दिया जिन्होने मूल रूप से पीएम हाउस की कार उठाई थी। लेकिन ध्यान और समझने वाली बात यह है की तत्कालीन समय मे ‘निर्मल सिंह’ की रिपोर्टिंग ऑफिसर संभवत: खुद किरण बेदी थी। मतलब निर्मल सिंह ने उस समय जो कार्य किया अगर सरकार उस पर कार्यवाही करती तो सबसे पहली गाज़ किरण बेदी पर ही गिरती।

अक्सर देखने मे आया है कि किसी बड़े आदमी या रसूखदार शक्स पर एक्शन लेने से पहले कोई भी इंस्पेक्टर (या छोटे) रेंक का ऑफिसर अपने (आईपीएस स्तर वाले) बड़े अधिकारी से अनुमति लेता है। एक बात और, रवीश कुमार के बहुचर्चित इंटरव्यू मे किरण बेदी ने भी कहा है कि सरकार ने उनको ‘निर्मल सिंह’ पर एक्शन लेने को कहा था पर उन्होने ऐसा नहीं किया।

हाँ, यह जरूर है कि किरण बेदी ने सालो से सिर्फ खुद का नाम आगे बढ़ाया शायद ही कभी ‘निर्मल सिंह’ को कोई  क्ष्रेय दिया। वैसे ऐसा अक्सर होता है, कॉर्पोरेट वर्ल्ड मे ही देख लीजिये या और कहीं …. किसी प्रोजेक्ट या मिशन पर सफलता मिलने पर सबसे ज्यादा श्रेय ‘टीम लीडर’ को ही दिया जाता है। पुरस्कार पाने के लिए भी उसी को ‘स्टेज’ पर बुलाया जाता है।

रण के क्षेत्र मे जब कोई सेना अपनी प्रतिद्वंदी सेना को मात देती है तो उसका श्रेय भी ‘सेनापति’ को ही दिया जाता है बेशक किसी ‘प्रमुख’ सैनिक ने युद्ध के मैदान मे अपना अद्भूत शौर्य और बल का प्रदर्शन किया हो। प्रधानमंत्री की कैबिनेट मे भी अगर कोई (या सारे) केंद्रीय मंत्री अच्छा या बुरा प्रदर्शन करते हैं तो सबसे ज्यादा तारीफ और बुराई कैबिनेट के मुखिया ‘प्रधानमंत्री’ को ही मिलती है।

याद रहे की यूपीए 2 के दौर मे मनमोहन सिंह बेशक व्यक्तिगत तौर पर कितने भी ईमानदार रहे हो पर 2जी, सीडबल्यूजी और कोल घोटालो के लिए सबसे ज्यादा ‘मुखिया’ के नाते उन पर ही हमला हुआ है।

नैतिकता के आधार पर यह सेनापति की ज़िम्मेदारी है कि वह सेना की सफलता मे उस सैनिक के योगदान को भी ‘मान्यता’ दे जिसके ‘विशेष बलिदान’ से उनकी सेना रण के मैदान मे अपने विपक्षियों को पटखनी देने मे सफल हो पायी।

दिल्ली की राजनीति सरगर्मी मे मीडिया का रवैया एवं रुख किरण बेदी के मामले मे दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना है आप यह क्यों भूल जाते हैं किरण बेदी देश की प्रथम आईपीएस ऑफिसर हैं, ऑल इंडिया और ऑल एशियन टेनिस चैंपियनशिप विजेता रह चुकी हैं, रमन मैगसैसे पुरस्कार विजेता बेदी विश्व की पहली महिला हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने सिविलियन पुलिस सलाहकार नियुक्त किया था।

(रोहित श्रीवास्तव)

आलेख मे प्रस्तुत विचार लेखक के निजी विचार हैं

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh