Menu
blogid : 19943 postid : 832499

एक बेसुरे गायक का दर्द ..ए मेरे सुनने वालो

रोहित श्रीवास्तव
रोहित श्रीवास्तव
  • 37 Posts
  • 95 Comments

ए-मेरे सुनने वालों

तुम रुई लगा लो यारा

यह अशुभ दिन है आपसब का

बेसुरा गाना सुन लो माराह


पर मत भूलों सिनेमा मे

बेसुरों ने ही लोग सुलाए

कुछ याद उन्हे भी कर लो

जो लौट कर कभी सिनेमा न आए


जब मूह से निकली वाणी

लोगो ने चप्पल तानी

अंडे-टमाटर पड़े तो

मुझे याद आ गई मेरी नानी

बड़ी दर्दभरी है यह कहानी

सुन लो मेरी जुबानी

शहीद करूंगा सबको

मेरी बात अगर न मानी


ए-मेरे सुनने वालों

जरा कान मे भर लो रुई

गाऊँगा इतना बेसुरा

चुभेगी जैसे सुई


जब ‘घायल’ हुआ बेसुरा

खतरे मे पड़ी उसकी ज़िंदगानी

जब तक थी आवाज़ गले मे

गाया वो

फिर अपनी ‘लाज’ बचा ली

ए-मेरे सुनने वालों

तुम कान मे हाथ लगा लो

बेहोश करूंगा सबको

तुम चाहे जितना डरा लो

बाथरूम मे गाने वाला

हर बेसुरा था ‘भारतवासी’

जो सुर लगा गाने मे

वो हर एक सुर था ‘हिंदुस्तानी’


सोनू निगम का ख्वाब पालू

पर गाउँ तो बन जाऊ ‘लालू’

इतने पत्थर पड़े की

मैं बोला ‘बस एक लाइन गा लू’

पहना के जूतों की माला

लोगो ने करा मूह काला-2

बेहोश करूंगा सबको

तुम चाहे जितना रुला लो

आँसू बह रहे थे मेरे

और हाथ मे था ‘कटोरा’-2

एक ‘पाजी’ बच्चा आया और बोला

ओ-बतसूरत काहे को रो रहा


(एक बेसुरे गायक का दर्द )

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh